Tuesday, April 24, 2012

It's quite an uneasy a mind

मन बोझिल है और अशांत भी. संघर्ष हैं कि थमने का नाम नहीं लेते और समस्याएं इतनी कि कहीं से कम नहीं हो रही हैं. स्वास्थ्य भी अपने आप में एक दुरूह समस्या है. सब कुछ मिला जुला कर चुनौतियाँ एक पहाड़ बन कर सामने खड़ी हैं. मुझे अपनी लेखनी का गुमान है एक आत्म विश्वास के साथ किन्तु यह माध्यम भी कहीं से कोई सार्थक रूप ग्रहण कर पाने में अभी तक सफल नहीं हो पाया. आशंका बनी रहती है कि कहीं मेरा आत्म विश्वास जो अभी तक बना हुआ है डगमगा न जाए. झंझावातों के बीहड़ में खो सा गया हूँ, थकान महसूस हो रही है. हमारे सभी प्रयास विफल ही क्यों हो रहे हैं. लगन, निष्ठां, संकल्प जैसे सभी माध्यमों का प्रयोग मेरे अथक प्रयासों में सदैव सम्मिलित रहा है किन्तु मेरे वर्तमान को लगा हुवा ग्रहण अभी भी अपने चरम पर है. देखना होगा कि जीवन के इस महा संघर्ष को मैं कब तक झेल पाता हूँ. 

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