Saturday, May 23, 2009

Where to land ?

मेरी अनाकनेक रचनाएँ काव्य और लेख सभी कुछ वृहद रूप में यत्र तत्र एक खलिहान के रूप में बिखरी पड़ी हैं और एक ऊहापोह की इस्थिति बनी हुई है कि उन्हें किस प्रकार से एक क्र्मवद्ध रचनात्मक स्वरुप दिया जा सके। इस ब्लॉग के साथ समस्या यह है कि इस के मध्यम से संकलित कृत्यां सामान्य रूप से एक फाइल या फोल्डर की शकल में डाउनलोड नहीं हो सकती और उनका संकलन एक मुश्किल शकल अख्तियार कर लेता है। मैं अभी भी निराश नहीं हूँ और बराबर प्रयासरत रहना चाहता हूँ कि कोई समाधान निकल आए। ऐसा नहीं है कि कोई भी लेखन केवल स्वन्तासुखाए होता है बल्कि किसी भी लेखक या कवि कि यह स्वाभाविक रूचि होती है कि अन्य लोग भी उसका अवलोकन करें। ब्लॉग का पढ़ पाना तो केवल इन्टरनेट के माध्यम से ही सम्भव है जो सुविधा जन सामान्य को अभी भी न तो उपलब्ध है और न उसके लिए आवश्यक जागरूता है।